काश मैं बंजारा होता
ना कहीं टिकता, ना कोई टिकाता
ना किसी पे मरता, ना कोई मरता
काश मैं बंजारा होता
तो दिल भी बेचारा ना होता
मन भी आवारा ना होता
कदम भी लड़खड़ाया ना होता
अपनों का हरवक्त सहारा ना होता
काश मैं बंजारा होता
काश मैं बंजारा होता ...